DailyNewsTwenty

DailyNews

रविवार, 12 जुलाई 2020

योगी सरकार में अखिलेश सरकार से 7 गुना ज्यादा एनकाउंटर हुए, देश में 45% फेक एनकाउंटर भी उत्तर प्रदेश में होते हैं https://ift.tt/3gO4R3a

कानपुर में 8 पुलिसवालों की हत्या करने वाला गैंगस्टर विकास दुबे हत्याकांड के आठ दिन बाद शुक्रवार को पुलिस एनकाउंटर में मारा गया। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार आने के बाद पुलिस एनकाउंटर की संख्या बढ़ी है। योगी सरकार के तीन साल में एनकाउंटर में 112 मौतें हुईं। इन एनकाउंटर्स में होने वाली मौतों पर अक्सर सवाल उठते रहे हैं। पिछले पांच साल की बात करें तो देश मेंं 2015 में सबसे ज्यादा 140 एनकाउंटर ऐसे थे, जिनके फेक होने के मामले दर्ज हुए।

देश में पुलिस एनकाउंटर में कितनी मौतें होती हैं, किन राज्यों में पुलिस एनकाउंटर में सबसे ज्यादा लोग मारे जाते हैं, हर साल कितने फेक एनकाउंटर के केस सामने आते हैं? पुलिस हिरासत में कितनी मौत होती है? पुलिस हिरासत में हुई मौत में शामिल कितने पुलिसवालों को सजा हो पाती है? इस रिपोर्ट में हम इन सवालों का जवाब तलाशेंगे।

यूपी का हाल: योगी के तीन साल में अखिलेश के मुकाबले 7 गुना एनकाउंटर
उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने क्राइम कंट्रोल के लिए पुलिस को एनकाउंटर की खुली छूट दी। इसका असर भी दिखा और विवाद भी हुए। असर ये कि जमानत पर छूटे अपराधी अपनी जमानत कैंसिल करा कर जेल जाने लगे। विवाद वही पुराने जो अधिकतर एनकाउंटर के साथ होते हैं।

जैसे वह एनकाउंटर फर्जी था या फिर उसएनकाउंटर में अपराधी नहीं निर्दोषमारा गया।बात आंकड़ों की करें तो योगी सरकार के तीन साल में एनकाउंटर में 112 मौतें हुईं। वहीं, अखिलेश सरकार के अंतिम तीन साल में किसी भी साल एनकाउंटर का आंकड़ा दहाई में भी नहीं पहुंचा।

देश का हाल: यूपी में बढ़े पर देश में घटे एनकाउंटर

यूपी में जहां पुलिस एनकाउंटर में मौत के मामले बढ़े हैं। वहीं, पूरे देश की बात करें तो एनकाउंटर में मौत के मामले घट रहे हैं। 2013 से 2018 के बीच के पांच सालों में सबसे ज्यादा मामले 2014-2015 में आए।

2018 में 77% फेक एनकाउंटर यूपी में हुए
6 जनवरी 2019 को गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने राज्यसभा में बताया कि 2018 में भारत में 22 फेक एनकाउंटर हुए। इनमें 17 यानी 77% से भी ज्यादा उत्तरप्रदेश में हुए। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने एक आरटीआई के जवाब में बताया था कि भारत में 2000 से 2018 के बीच 18 साल में 1804 फेक एनकाउंटर हुए। इनमें 811 फेक एनकाउंटर यानी 45% अकेले उत्तरप्रदेश में हुए।

फेक एनकाउंटर के कारण सरकारों को पांच साल में 28 करोड़ 77 लाख रुपए मुआवजा देना पड़ा
पुलिस एनकाउंटर के फेक साबित होने पर सरकार को विक्टिम के परिवार को मुआवजा देना पड़ता है। मानवाधिकार आयोग ही मुआवजे की रकम तय करता है। 2012 से लेकर 2017 के बीच, उत्तर प्रदेश सरकार को सबसे ज्यादा 13 करोड़ 23 लाख रुपए मुआवजा देना पड़ा।

योगी सरकार आने से पहले एनकाउंटर में असम-छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा मौतें
योगी सरकार आने के पहले देश में सबसे ज्यादा एनकाउंटर असम, मेघालय, छत्तीसगढ़ और झारखंड में होते थे। छत्तीसगढ़ और झारखंड नक्सल प्रभावित हैं। वहीं, असम और मेघालय भी उग्रवाद प्रभावित रहे हैं। योगी सरकार आने के बाद यूपी में इन राज्यों से भी अधिक एनकाउंटर होने लगे।

पिछले पांच साल में पुलिस हिरासत में मौत के मामले में एक भी पुलिसवाले को सजा नहीं हुई

पिछले पांच साल में पुलिस हिरासत में मौत होने पर पुलिसवालों पर 192 केस हुए। 2017 में सबसे ज्यादा 62 केस हुए। केस तो दर्ज होते हैं लेकिन चार्जशीट केवल 61% मामलों में दर्ज हुई। इनमें से एक भी मामले में किसी पुलिसवाले को सजा नहीं हुई है। ऐसा नहीं है कि ये सिर्फ पांच साल के दौरान का ट्रेंड है। 2000 से 2018 तक की बात करें तो इन 18 सालों में 810 पुलिसवालों पर केस हुआ। 334 चार्जशीट हुई और सिर्फ 26 को सजा हुई।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Yogi government has 9 times more encounters than Akhilesh, 45% fake encounters in the country are also in Uttar Pradesh


from Dainik Bhaskar /national/news/yogi-government-has-9-times-more-encounters-than-akhilesh-45-fake-encounters-in-the-country-are-also-in-uttar-pradesh-127504035.html

0 टिप्पणियाँ:

एक टिप्पणी भेजें

WE SHARE YOU THE LATEST NEWS.
YOU CAN COMMENT IN WHAT WAY IT WOULD BE EASIER TO SHARE THE NEWS AND WILL BE MORE COMFORTABLE TO YOU