देश में इस वक्त दो बातों की चर्चा सबसे ज्यादा है। पिछले तीन दिन से राफेल की और पिछले पांच महीने से कोरोना की। एक का रिश्ता हमारे आपके स्वास्थ्य से है तो दूसरे का देश की सुरक्षा से। लेकिन, क्या आप जानते हैं पिछले पांच साल में सरकार ने अपने हर नागरिक के स्वास्थ्य पर किया जाने वाला खर्च कितना बढ़ाया है।
अभी सरकार कितना खर्च करती है। मिलिट्री पर हम प्रति व्यक्ति के हिसाब से कितना खर्च कर रहे हैं। और दुनिया में हम इन खर्चों में कहां हैं? पाकिस्तान-चीन जैसे हमारे पड़ोसियों के मुकाबले हम कहां हैं? इस रिपोर्ट में हम इन्हीं सवालों का जवाब देंगे।
भारत में साल दर साल स्वास्थ्य और मिलिट्री पर खर्च का ट्रेंड देखें तो, मिलिट्री पर खर्च, स्वास्थ्य के खर्च से 8 से 10 गुना है। 2015-16 में मिलिट्री पर खर्च 2 लाख 85 हजार करोड़ से बढ़कर करीब 2 लाख 94 हजार करोड़ हो गया। जबकि स्वास्थ्य पर खर्च 35 हजार करोड़ से घटकर करीब 30 हजार करोड़ हो गया।
मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल के पांच साल में, स्वास्थ्य पर 2 लाख 3 हजार 535 करोड़ रुपए और मिलिट्री पर 16 लाख 8 हजार 844 करोड़ रुपए खर्च किए।
दुनिया की सबसे बड़ी सैन्य शक्ति अमेरिका अपने हर नागरिक की सेहत पर मिलिट्री से 4 गुना ज्यादा खर्च करती है
अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी सैन्य शक्ति है। उसका पर कैपिटा मिलिट्री एक्सपेंडिचर एक लाख 55 हजार रुपए से भी ज्यादा है। लेकिन, वो अपने हर नागरिक के स्वास्थ्य पर छह लाख 73 हजार रुपए से ज्यादा खर्च करता है। ये दुनिया में सबसे ज्यादा है। अमेरिका के बाद नॉर्वे, जर्मनी और स्विट्जरलैंड अपने नागरिकों की सेहत पर सबसे ज्यादा खर्च करते हैं।
इजराइल का पर कैपिटा मिलिट्री खर्च सबसे ज्यादा, अमेरिका ज्यादा आबादी के कारण ज्यादा खर्च करके भी दूसरे पर
प्रति व्यक्ति के लिहाज से जो देश मिलिट्री पर सबसे ज्यादा खर्च करते हैं, उनमें इजराइल टॉप पर है। इन देशों इजराइल ही ऐसा है, जिसका पर कैपिटा मिलिट्री खर्च पर कैपिटा हेल्थ खर्च से ज्यादा है। दुनिया में सबसे बड़ा डिफेंस बजट अमेरिका का है। लेकिन, उसकी आबादी इजराइल से ज्यादा होने के कारण पर कैपिटा मिलिट्री खर्च इजराइल से कम है।
पर कैपिटा हेल्थ और मिलिट्री एक्सपेंडिचर के टॉप-10 में दस देश कॉमन
देश के हर नागरिक पर सबसे ज्यादा खर्च करने वाले और पर कैपिटा मिलिट्री खर्च वाले टॉप 10 देशों की लिस्ट में 6 देश कॉमन हैं। ये देश हैं अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, नॉर्वे, डेनमार्क, फ्रांस और नीदरलैंड। इजराइल, साउथ कोरिया, यूके और फिनलैंड प्रति व्यक्ति मिलिट्री खर्च में दुनिया के टॉप-10 देशों में हैं।
लेकिन, सेहत में नहीं। फिनलैंड अपने हर नागरिक की सेहत पर मिलिट्री खर्च से करीब दो लाख रुपए ज्यादा खर्च करता है। यूके करीब एक लाख 94 हजार और साउथ कोरिया करीब 75 हजार रुपए ज्यादा खर्च करता है।
भारत अपनी जीडीपी का 1.28% सेहत पर खर्च करता है। हम दुनिया में सेहत पर खर्च करने के मामले में 170वें नंबर पर हैं।
भारत अपनी जीडीपी का 2.4% मिलिट्री पर खर्च करता है। इसके बाद भी हम दुनिया की चौथी सबसे बड़ी मिलिट्री पावर हैं। हमसे आगे सिर्फ अमेरिका, रूस और चीन हैं। पर कैपिटा जीडीपी के हिसाब से सबसे ज्यादा खर्च करने वाला इजराइल दुनिया की 18वीं सबसे बड़ी मिलिट्री पावर है।
जीडी़पी के लिहाज से मिलिट्री पर सबसे ज्यादा खर्च करने वाला देश सऊदी अरब है। वो अपनी जीडीपी का 8.8% मिलिट्री पर खर्च करता है। ओमान अपनी जीडीपी का 8.2% अल्जीरिया जीडीपी का 5.3% मिलिट्री पर खर्च करता है।
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