DailyNewsTwenty

DailyNews

बुधवार, 29 जुलाई 2020

सबसे ज्यादा डाउनलोड हुई आरोग्य सेतु में दो लोगों के संपर्क में आने की संभावना केवल एक फीसदी, ब्रिटेन अभी तक लॉन्च नहीं कर पाया ऐप https://bit.ly/39DBDBu

ऑर्थर सुलिवन. दुनियाभर में कोरोनावायरस के फैलने के बाद कई देशों ने कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग के लिए मोबाइल ऐप्स का सहारा लिया था। देशों ने इस उम्मीद में ऐप्स तैयार किए थे कि वे डिजिटल कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग को काबू कर लेंगे और बीमारियों को पहले से ज्यादा प्रभावी और तेज तरीके से रोक पाएंगे। हालांकि, 2020 की शुरुआत तक मोबाइल ऐप के जरिए महामारी को रोकने के कंसेप्ट को टेस्ट और ट्रायल नहीं किया गया था। टेक्नोलॉजी, प्रभाव, काम करने के तरीके और सबसे जरूरी इन एप्स की नैतिकता से जुड़े सवालों के जवाब नहीं मिले।

यह जरूर साफ हो गया है कि काम आसान नहीं है। रॉबर्ट कोच इंस्टीट्यूट के मुताबिक, जर्मनी के कोरोना वॉर्न ऐप के 24 जुलाई तक 1.62 डाउनलोड हो गए थे। ठीक इसी दिन टैबलॉयड अखबार बिल्ड ने खुलासा किया कि ऐप 5 हफ्तों से लाखों यूजर्स के फोन पर काम नहीं कर रही हैं। कुछ एंड्रायड ऑपरेटिंग सिस्टम्स ने पावर सेविंग के लिए ऐप को बैकग्राउंड में चलने से रोक दिया। इसका मतलब है कि यूजर को अलर्ट भेजने का सबसे जरूरी काम हो सकता है कि बंद हो गया हो। हालांकि, जर्मन हेल्थ मिनिस्ट्री ने कहा है कि परेशानी ठीक हो गई है।

कैसे पता लगेगा कि ऐप सफल है या नहीं?
यह साफ नहीं है कि कोविड 19 ऐप बिजनेस में सफलता को कैसे नापा जाए और शायद ऐसा कभी हो भी नहीं पाएगा। पॉपुलेशन के आधार पर कितने डाउनलोड हुए यह जरूर एक पैमाना है, लेकिन अगर ऐप ठीक से काम नहीं करेगी या भरोसेमंद रिजल्ट नहीं देगी तो यह कम हो जाएगा।

कई कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह तय करना आसान नहीं है कि संक्रमण दर को रोकने में ऐप की भूमिका क्या होगी। भले ही एक ऐप जो ठीक से काम कर रहा है और जनसंख्या में बढ़ते मामलों को देख रहा है। उदाहरण के लिए ऐसे ऐप्स बहुत अच्छा काम कर सकते हैं, जो सेंट्रलाइज्ड लोकेशन में डाटा स्टोर नहीं करते हैं, लेकिन डाटा के साथ ऐसी कोई सेंट्रल अथॉरिटी नहीं होगी जो यह सटीक जानकारी दे कि कितने लोगों से इंफेक्शन के रिस्क को लेकर सफलतापूर्वक चेतावनी दी गई थी।

डाउनलोड्स के मामले में सबसे आगे आरोग्य सेतु
प्योर वॉल्यूम डाउनलोड्स के लिहाज से भारत का आरोग्य सेतु ऐप सबसे आगे है। अप्रैल में यह सबसे ज्यादा डाउनलोड किए गए टॉप 10 ऐप्स में था। केवल बड़े टेक ऐप्स जूम, टिकटॉक, फेसबुक, व्हाट्सऐप, इंस्टाग्राम और मैसेंजर इससे आगे थे।

सेंसर टॉवर के डाटा के अनुसार, जुलाई मध्य तक आरोग्य सेतु के 12.7 करोड़ डाउनलोड थे। यह ऐप उपलब्ध होने के 40 दिन बाद ही 10 करोड़ डाउनलोड्स का आंकड़ा पार कर गया था, लेकिन भारत की आबादी 130 करोड़ से ज्यादा है। 10 प्रतिशत से भी कम टेक अप के साथ ऐप डाउनलोड कर चुके दो लोगों के बीच कॉन्टेक्ट होने की संभावना केवल 1 फीसदी है।

आरोग्य सेतु को रेटिंग में मिले थे दो स्टार
मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी का टेक्नोलॉजी रिव्यू एक "कोविड ट्रेसिंग ट्रैकर" प्रकाशित कर रहा है। इसमें दुनियाभर की कोविड 19 ऐप्स का रिव्यू किया जाएगा। इसमें ऐप्स को 5 की मैट्रिक्स पर रेट किया गया और हर मैट्रिक्स को एक स्टार दिया जा रहा है। इसमें आरोग्य सेतु को दो स्टार्स मिले हैं। समीक्षकों ने इस ऐप को लाखों यूजर्स के लिए वॉलेंट्री नहीं होने, डाटा कलेक्शन को सीमित नहीं करने और जरूरत से ज्यादा डाटा कलेक्ट करने पर इसकी आलोचना की।

चीन और अमेरिका से तुलना में भारत बेहतर
फिर भी चीन और अमेरिकी से तुलना करने पर आरोग्य सेतु ने बुरा नहीं किया है। अलीपे और वीचैट प्लेटफॉर्म्स पर चलने वाले चीन का हेल्थ कोड सिस्टम भी अपने काम करने के तरीके और डाटा को लेकर पारदर्शी नहीं है।

अमेरिका में एपल और गूगल ने साथ मिलकर एक्सपोजर नोटिफिकेशन एपीआई तैयार किया है, जिसका उपयोग दुनियाभर के कई देश कर रहे हैं। अमेरिका में हेल्थ अथॉरिटीज स्टेट के हिसाब से भी ऐप बना सकती हैं। यहां अभी तक एक भी नेशनल ऐप नहीं है। इसके बाद भी कुछ ही स्टेट्स ने एपल-गूगल टेक्नोलॉजी के उपयोग से ऐप बनाने का वादा किया है।

छोटे देश बड़ी सफलता
4 लाख से कम जनसंख्या वाले आईलैंड में 40 फीसदी से ज्यादा लोगों ने कोविड 19 ऐप रैकनिंग सी-19 को लॉन्च के एक महीने के भीतर ही डाउनलोड कर लिया है। 50 लाख की आबादी वाले आयरलैंड ने भी शुरुआती सफलता दिखाई है। यहां कि कोविड ट्रैकर ऐप को जुलाई में लॉन्च के 8 दिन के भीतर 13 लाख लोगों ने डाउनलोड किया है।

ऐप के मामले में संघर्ष कर रहा है ब्रिटेन
जहां दुनियाभर के कई देशों ने ऐप बनाने में सफलता हासिल कर ली है, वहीं खासतौर से यूरोप में महामारी झेलने वाले कई देश ऐप लॉन्च नहीं कर पाए हैं। ब्रिटेन सरकार के महामारी के खिलाफ प्रतिक्रिया के लिए काफी आलोचना का सामना करना पड़ा। यहां 45 हजार से ज्यादा मौतें हुई हैं। ब्रिटेन सबसे ज्यादा मृत्यु दर वाले देशों में से एक है। यह देश ऐप को लेकर संघर्ष कर रहा है और काफी आलोचना का सामना कर रहा है।

ब्रिटेन मार्च से ही एनएचएस कोविड 19 ऐप तैयार करने पर विचार कर रहा है और अभी तक लॉन्च नहीं कर पाया है। इसकी मूल योजना को जून में बदल दिया गया था और अपने वर्जन के बजाए एपल-गूगल टेक्नोलॉजी के उपयोग को लेकर बात फैसला हुआ था, लेकिन यह तकनीकी परेशानियों का शिकार हो गई।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
नई दिल्ली में युवक अपने फोन में आरोग्य सेतु एप का उपयोग करता हुआ।


from Dainik Bhaskar https://bit.ly/30VZZCD

0 टिप्पणियाँ:

एक टिप्पणी भेजें

WE SHARE YOU THE LATEST NEWS.
YOU CAN COMMENT IN WHAT WAY IT WOULD BE EASIER TO SHARE THE NEWS AND WILL BE MORE COMFORTABLE TO YOU