बदायूं में 50 साल की महिला से गैंगरेप और उसकी हत्या के मुख्य आरोपी पुजारी सत्यनारायण को गिरफ्तार हुए 24 घंटे से ज्यादा वक्त बीत चुका है। लेकिन, गांव के लोग उसके बारे में बात करने से कतराते हैं। न ही कोई घटना के संबंध में बोलना चाहता है। गांव के लोग यह जरूर कहते हैं कि पिछले 4 दिन से पूरा गांव छावनी बना हुआ था। पुजारी की गिरफ्तारी के बाद अब राहत मिली है।
गांव की गलियों में सन्नाटा है। इस केस के बाकी दो आरोपियों के घर पर ताला लगा है। इस बीच एक चौंकाने वाली बात सामने आई है। पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, पीड़ित और पुजारी के बीच तीन महीने में फोन पर 800 बार बातचीत हुई थी। पुलिस के पास दोनों की कॉल डिटेल भी है।
आरोपी शिष्य वेदराम के घर पर लगा है ताला
गांव के आखिरी छोर पर पुजारी के शिष्य और आरोपी वेदराम का घर है। उसके घर की कुंडी लगी है। पड़ोसियों ने बताया कि वेदराम की पत्नी की बहुत समय पहले मौत हो चुकी है। उसके पांच बच्चे हैं।तीन बेटियों की शादी हो चुकी है। एक बेटा 10 साल का और बेटी 12 साल की है। दोनों बच्चे वेदराम की गिरफ्तारी के बाद अपनी बहनों के घर चले गए हैं। हादसे का असर इतना है कि पड़ोसी वेदराम के बारे में कुछ भी बताने से परहेज कर रहे हैं। उनका कहना है कि वेदराम से गांव में किसी का ज्यादा बोलचाल नहीं है।
आरोपी ड्राइवर की पत्नी बोली- हम तो अब भगवान भरोसे हैं
उघैती थाने से लगभग 200 मीटर दूरी पर बदायूं रोड पर आरोपी ड्राइवर जसपाल का घर है। घर के बाहर उसके बड़े भाई ओमपाल मिलते हैं। वह गैंगरेप की बात को सिरे से नकारते हुए सारा दोष मीडिया पर मढ़ते हैं। उन्होंने कहा कि मीडिया ने गलत खबर चलाई और अब इसीलिए पुलिस भी प्रेशर में है। हम CBI जांच की मांग करते हैं। जसपाल गाड़ियां चलाता है और कुछ खेती बाड़ी है, जिससे उसके परिवार का पेट पलता है। वह किराए पर गाड़ी ले जाता है। हालांकि पुजारी से कितना किराया तय हुआ था, यह ओमपाल नहीं बता पाए।
जसपाल की पत्नी का मायका भी केयवली गांव में है। यह वही गांव है जहां पीड़िता का ससुराल है। जसपाल की पत्नी चंद्रकली बार-बार बेहोश हो रही हैं। उनका ब्लड प्रेशर लगातार बढ़ रहा है। दोनों बच्चे और घर के सदस्य उन्हें संभालते हैं। चंद्रकली जब सामान्य होती हैं तो बताती हैं कि रविवार को देर शाम जब वेदराम का फोन आया तो जसपाल सो रहे थे। उसने मरीज की बात कह उन्हें बुलाया। फिर देर रात वह 12 बजे के करीब लौटे और उन्होंने बताया कि वह एक लहुलुहान महिला को अस्पताल पहुंचाने चंदौसी गए थे।
जब अस्पताल वालों ने उसे एडमिट नहीं किया तो वे उसे उसके घर छोड़ आए। इसके बाद जब FIR दर्ज हुई तो घर में राय मशविरा करने के बाद वह फरार हो गए। तब 4 बजे पुलिसवाले हमें पकड़ ले गए तो फिर मेरे घरवालों ने रात 11 बजे उन्हें थाने में पेश कर दिया। फिर हम छूट कर आ गए। अब भाई के साथ वकीलों के चक्कर काट रहे हैं। अब तो सब भगवान पर छोड़ दिया है कि अगर निर्दोष होंगे तो छूट ही जाएंगे।
मंदिर में 5 दिन से न पूजा हुई न जला दीया
गांव में स्थित घटनास्थल यानी मंदिर पर पुलिस का पहरा है। 2 सिपाही मौके पर मौजूद हैं। बातचीत में पता चला कि पिछले 5 दिन से मंदिर में ठाकुर जी की आरती नहीं हुई है। न ही दीया जलाया गया है। प्रशासन ने गांव के पटवारी को मंदिर की जमीनों का लेखा-जोखा तैयार करने को कहा है। मंदिर पहुंचे पटवारी ने बताया कि अभी तक 9 एकड़ जमीन की बात सामने आई है, जो मंदिर के नाम पर है। मौके पर मौजूद सिपाहियों ने बताया कि जो भक्त पहले रोजाना मंदिर में जल चढ़ाने आते थे, अब वे भी नहीं आ रहे हैं। हम लोग ही परिसर की लाइट वगैरह जला देते हैं।
पुलिस ने पुजारी और पीड़ित में अवैध संबंध की बात कही
पुलिस ने जब पुजारी और पीड़ित के मोबाइल नंबर खंगाले, तो चौकाने वाला खुलासा हुआ। पुलिस सूत्रों की मानें, तो बीते तीन महीनों में पुजारी और पीड़ित के बीच फोन पर 800 बार बात हुई। पुजारी और पीड़ित के बीच फोन पर बातचीत की तस्दीक खुद पीड़िता की मां ने यह कहकर की थी कि हादसे वाले दिन यानी रविवार को पुजारी ने ही फोन कर पीड़ित को मंदिर बुलाया था।
पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि लॉकडाउन से पहले बरेली के आंवला में पुजारी सत्यनारायण के भतीजे की शादी थी। वह इसमें पीड़ित को भी साथ ले गया था। वहीं पहली बार दोनों के बीच अंतरंग सबंध बने थे। पुलिस इस पूरे घटनाक्रम में एक विधवा महिला और एक पुरुष के रोल को भी तलाश रही है। बताया जाता है कि पुजारी के उस महिला से भी अवैध संबंध थे। हालांकि पुलिस ने महिला की पहचान उजागर नहीं की है।
पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की , इससे सवाल खड़े हो रहे
छोटे से छोटा गुडवर्क दिखाने वाली पुलिस इतने बड़े मामले में मुख्य आरोपी के पकड़े जाने के बाद भी कोई प्रेस कांफ्रेंस नहीं कर रही है। यह सवाल खटक रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पुलिस एक अलग थ्योरी पर काम कर रही है।
पुलिस की थ्योरी के मुताबिक, पुजारी ने पीड़ित को फोन कर मंदिर बुलाया। मंदिर पर शाम को एक-दो लोग पूजा करने के लिए पहुंचे हुए थे। किसी को शक न हो इसलिए वह मंदिर के पिछले दरवाजे से अंदर गयी। यह दरवाजा उसी कोठरी में खुलता है जिसमें कुआं था। लगभग 25 फीट गहरे कुएं में पुराना पंप सेट लगा हुआ है। पीड़ित फिसलकर कुएं में गिर गई। इससे उसे बुरी तरह चोट आई। जब उसके रोने की आवाज आई, तो पुजारी कोठरी में गया। उसने वेदराम को बुलाया। वेदराम ने जसपाल को बुलाया। पहले वे महिला को लेकर चंदौसी गए। लेकिन अस्पताल ने महिला की हालत देखते हुए बिना परिजनों के इलाज करने से मना कर दिया। फिर तीनों उसे उसके घर ले गए और वहीं छोड़कर भाग गए।
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