दक्षिण अमेरिकी देश चिली में अब नया संविधान बनेगा। यहां रविवार को हुए जनमत संग्रह में नया संविधान बनाने की मांग को भारी बहुमत मिला। इसके समर्थन में 78.24% लोगों ने वोट दिए। 40 साल पहले बने मौजूदा संविधान के पक्ष में सिर्फ 21.76% लोगों ने वोट डाले। इस जनमत संग्रह के लिए करीब एक करोड़ 40 लाख लोगों ने वोट डाले।
भारी बहुमत मिलने पर लोगों ने सड़कों पर जश्न मनाया। यह आंदोलन मुफ्त शिक्षा और सरकारी कोष से पेंशन के भुगतान की मांग के समर्थन में हुआ था। राष्ट्रपति सेबास्टियन पिन्येरा ने रविवार को कहा- ‘लोगों ने नए संविधान पर सहमति बनाने के लिए चुने हुए नागरिकों की संवैधानिक परिषद का चुनाव किया है।’
मेट्रो किराए में बढ़ोतरी से शुरू हुआ था आंदोलन
नया संविधान बनाने की मांग 2019 के आंदोलन से उठी थी। आंदोलन मेट्रो किराए में बढ़ोतरी के विरोध में हुआ था। बाद में बड़े बदलाव की मांग उससे जुड़ गई। यह 9 सालों में हुए बड़े आंदोलनों की कड़ी में शामिल हो गया। आंदोलन ने अक्टूबर में तब जोर पकड़ा, जब 30 लोगों की मौत हो गई थी।
चिली का मौजूदा संविधान सैन्य तानाशाह आगुस्तो पिनोचेट (1973-90) के दौर में लिखा गया था। उस दौरान 3000 से ज्यादा लोग मारे गए थे। इसलिए लोगों की मांग थी कि तानाशाह के समय का संविधान खत्म किया जाए और वर्तमान समय को देखते हुए नया संविधान लिखा जाए।
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