DailyNewsTwenty

DailyNews

गुरुवार, 26 नवंबर 2020

युवाओं के साथ समानता और सम्मान के साथ बात करेंगे तो वे भी बेस्ट रिजल्ट देंगे https://bit.ly/2KBpQv7

कहानी- नई पीढ़ी से काम कैसे लेना चाहिए, ये रामायण में श्रीराम ने बताया है। राम वानर सेना के साथ लंका पहुंच चुके थे। युद्ध के ठीक पहले रावण के दरबार में कोई दूत भेजना था। उस समय इस काम के लिए हनुमानजी सबसे अच्छे विकल्प थे, क्योंकि वे एक बार पहले भी लंका में जा चुके थे। लंका को अपनी पूंछ से जला देने के कारण वहां उनका प्रभाव भी था और डर भी लेकिन, हनुमानजी ने युवा अंगद को भेजने की सलाह दी।

यहां हनुमानजी ने संदेश दिया है कि हमारी सेकंड लाइन भी हमेशा तैयार रहनी चाहिए। श्रीराम ने अंगद को दूत बनाकर भेज दिया। अंगद ने रावण की भरी सभा में प्रस्ताव रखा कि मैंने यहां पैर जमा दिया है, इसे अगर कोई हिला देगा तो मैं सीता को हार जाऊंगा और राम वापस चले जाएंगे। रावण के बड़े-बड़े योद्धा भी अंगद का पैर हटा नहीं सके।

जब अंगद लौटकर आए तो श्रीराम को मालूम हो गया था कि अंगद ने कितनी जोखिम भरी शर्त रखी थी। श्रीराम की जगह कोई और होता तो अंगद को उसके गुस्से का सामना करना पड़ता कि ये क्या मूर्खता की तुमने? लेकिन, श्रीराम ने ऐसा नहीं किया।

श्रीराम जानते थे कि अंगद युवा है, इसमें जोश है। उन्होंने दो काम किए। एक तो अंगद से आदर से बात की, उसकी तारीफ की और दूसरा पास में बैठाकर समानता का सम्मान दिया। इससे पूरी वानर सेना का आत्मविश्वास और ऊंचा हो गया।

सीख- नई पीढ़ी को जब भी कोई काम दिया जाता है तो उनके जोश की वजह से काम बिगड़ने की संभावना होती है। घर हो या ऑफिस युवाओं के साथ समानता से व्यवहार करें और आदर से बात करें। तब वे भी अंगद की तरह बेस्ट रिजल्ट देंगे।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
aaj ka jeevan mantra by pandit vijayshankar mehta, life management tips by pandit vijayshankar mehta, motivational story from ramayana


from Dainik Bhaskar https://bit.ly/3nXdvQy

0 टिप्पणियाँ:

एक टिप्पणी भेजें

WE SHARE YOU THE LATEST NEWS.
YOU CAN COMMENT IN WHAT WAY IT WOULD BE EASIER TO SHARE THE NEWS AND WILL BE MORE COMFORTABLE TO YOU