लीजा डैमोर. कोरोनावायरस महामारी के दौर में बच्चे हों या बड़े, सभी उम्र के लोग मानसिक रूप से परेशान ही हैं। स्कूल बंद होने, घर से दफ्तरों का काम चलने और दोस्तों से नहीं मिल पाने के कारण टीनएजर्स और बच्चों का विकास प्रभावित हुआ है।
इसके अलावा रुटीन बिगड़ना, महीनों से घर में रहकर एक ही काम को दोहराना, कोरोना का डर जैसी कई चीजें बच्चों को मानसिक रूप से परेशान कर रही हैं। हालांकि, पैरेंट्स की थोड़ी सी मदद टीनएजर्स को भावनात्मक रूप से मजबूत बना सकती हैं। कुछ टिप्स जो आपके लिए मददगार हो सकती हैं।
1. जो पसंद हो वह काम करें
- इन हालात में टीनएजर्स भी बड़ों की ही तरह सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह की चीजें महसूस कर रहे हैं। इस वजह से मानसिक तौर पर असहजता बढ़ती जा रही है। इसका एक मतलब यह भी हो सकता है कि टीनएजर्स को सुख नहीं मिल पा रहा है और इस माहौल में खुशी पाने के मौके बहुत कम ही मिल रहे हैं।
- ऐसे में अगर आप अपना मूड बेहतर करना चाहते हैं तो अपनी इमोशनल सुपरपावर का पूरा इस्तेमाल करें। हो सकता है कि आपको वीडियो गेम्स, पेट के साथ मस्ती करना, कोई खास रेसिपी, घूमना-फिरना पसंद हों। अपनी पसंदीदा चीजों को करते रहें और उसका मजा लें।
2. अपने एहसासों पर भरोसा रखें
- जब भी आप चिंतित, दुखी, तनाव में हों, इस बात पर भरोसा रखें कि आप गलत महसूस नहीं कर रहे हैं। मायूसी भरे माहौल में दुखी होना इस बात का सबूत है कि आपके एहसास ठीक उसी तरह से काम कर रहे हैं, जैसा उन्हें करना चाहिए। आप असलियत का सामना कर रहे हैं। अपने अच्छे मूड का भी भरोसा करें।
3. खुद पर भरोसा करें
- कभी-कभी हम बुरे एहसासों के लिए दिमाग में जगह बना लेते हैं। जबकि, कई बार हमारा साइकोलॉजिकल डिफेंस खुद ही इन्हें बाहर कर देता है। हालांकि, साइकोलॉजिकल डिफेंस मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं। ये आमतौर पर स्वस्थ्य होते हैं और यह बताते हैं कि एक बार में हम कितनी मायूसी झेल सकते हैं। आपका दिमाग इस बुरे वक्त में आपकी मदद करने के लिए बना है। अपने दिमाग की क्षमताओं को इकट्ठा करें और भावनात्मक स्तर को सुधारें।
4. मानसिक स्वास्थ्य बनाए रखें
- अच्छी नींद और बेहतर फिजिकल एक्टिविटी आपके मूड को बेहतर, स्ट्रेस को कम करेगा। उन लोगों की संगत का मजा लें जो आपको शांत और ऊर्जावान रखते हैं। कोविड 19 को लेकर आपको दुखी या नाराज होने का पूरा हक है। खुद को दुखी होने का वक्त दें।
- इसके बाद अपनी एनर्जी के बड़े हिस्से को उस हिस्से की तरफ मोड़े, जिसे आप कंट्रोल कर सकते हैं। इस बात पर फोकस करें कि आपके नियंत्रण में क्या है। क्योंकि यह शक्ति आपको बेहतर महसूस करने में मदद करेगी।
5. यह जानें कि कब दुखी होना है
- अगर दुख, चिंता, नाराजगी, मायूसी कुछ पलों के लिए है तो ठीक, लेकिन अगर यह एक या दो दिन से ज्यादा बनी हुई है तो चिंता की बात है। चिंता का दूसरा कारण यह हो सकता है, जब आप रोज परेशान महसूस करने लगें। लोगों को नजरअंदाज करना, नाराज रहना, नशा करना या सोशल मीडिया के उपयोग के लिए नींद को दांव पर लगाना कुछ समय के लिए तो सुकून देता है, लेकिन यह लंबे समय में परेशानियां भी खड़ी कर सकता है।
- इसके बाद अगर आप खुद को नुकसान पहुंचाने के बारे में सोचने लगें या खुद को असुरक्षित महसूस करने लगें तो यह चिंता की बात है। अपने पैरेंट्स, स्कूल के शिक्षक या घर के ऐसे बड़े लोगों को इस बात की जानकारी दें, जो आपकी बात को गंभीरता से ले सकें।
- इस बुरे माहौल ने सभी को प्रभावित किया है, लेकिन टीनएजर्स को अपनी खास शक्तियों को कम नहीं समझना चाहिए। इस बुरे वक्त में मेंटल हेल्थ का ध्यान रखना आपको अभी और भविष्य में बेहतर रखेगा।
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